आगरा मथुरा यात्रा
फरवरी में 23 को ताजमहल और 24 को स्वामी बालेन्दु जी से मिलने मथुरा (वृन्दावन) जाने का प्लान बनाया। 'मथुरा' वृन्दावन, स्वामी जी से मिलने वो भी मुझ जैसा नास्तिक। दरअसल स्वामी बालेन्दु जी कोई बाबा वाले स्वामी नहीं हैं, हालांकि वह पहले धार्मिक बाबा ही थे लेकिन अब घोर नास्तिक हो गए हैं। मैंने उन्एहें पहले ही बता दिया था कि मथुरा आगरा के बाद मथुरा आउंगा। लेकन दिन भर आगरा घूमने के बाद सोचा कि यदि आज ही मथुरा निकल लिया जाए तो अच्छा रहेगा। हालांकि मैंने बालेंदु जी से अगले दिन आने को कहा था इसलिए एक बार पूछना जरूरी समझा। मैंने पूछा कि रात तक पहुंचने पर कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं आ जाओ मैंने आगरा कैंट स्टेशन से मथुरा जाने वाली ट्रेन पकड़ ली। करीब एक घंटे पश्चात रात्रि 7 बजे मैं मथुरा जंक्शन स्टेशन पर था। मथुरा स्टेशन से बाहर निकलने पर वृन्दावन की और जाने वाले ऑटो पर बैठ गया। करीब आधे घंटे के सफर के बाद मैं परिक्रमा मार्ग पर था। वहां पर पूछते-पूछते मैं स्वामी बालेन्दु जी के आश्रम के पास पहुँच गया, आश्रम के गेट पर गार्ड ने रोक कर आने का कारण पूछा तो मैं...